Monday, March 13, 2023

श्रीहित वनचंद्र जी महाराज (तिलकायत अधिकारी) के जन्म महोत्सव की सभी रसिकों को हितमय बधाई।

 


हमारे बल श्री राधा नाम॥
काहू के बलभजन भावना, जप व्रत तीरथ धाम।
परम मंत्र श्री हित जू दीनों, ताहि जपों सब याम॥ [1]
विधि निषेधमग छोड़ लह्यो हम अनन्य धर्म अभिराम।
जै श्री बनमाली मिल्यो वास वनराज नहीं मोक्षसों काम॥ [2]
- श्री वनचंद्र जी

श्री वनचंद्र जी कहते हैं "किसी का बल भजन भावना है तो किसी का बल जप है, किसी का व्रत है तो किसी का तीर्थाटन, लेकिन मेरा बल तो केवल श्री राधा नाम है। श्री हित जू ने मुझे परम मन्त्र प्रदान किया है और मैं हर समय उसीका जप करता हूँ।" [1]

मैंने विधि निषेध का मार्ग छोड़ कर रसिकों का अनन्य धर्म अपना लिया है, मुझे अब श्री वृन्दावन का वास प्राप्त हो गया है जिसके समक्ष मोक्ष भी हेय है। [2]  


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